Sahitya Akademi : स्पेन और लैटिन अमेरिका के लेखकों का आगमन, भारतीय लेखकों के साथ हुआ संवाद
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साहित्य अकादेमी द्वारा आज आयोजित सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत स्पेन और लैटिन अमेरिका से आए छह सदसीय लेखक प्रतिनिधि मंडल के साथ भारतीय भाषाओं के लेखकों के संवाद का कार्यक्रम आयोजित किया गया। आरंभ में साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने सभी प्रतिभागी लेखकों का स्वागत करते हुए भाषाई एवं सांस्कृतिक सद्भाव के लिए इस तरह के कार्यक्रमों के निरंतर आयोजन पर बल दिया तथा प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों का उत्तरीय प्रदान कर अभिनंदन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सर्वानतीस इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली के निदेशक तथा प्रतिष्ठित स्पानी लेखक ऑस्कर पुजोल ने की। उन्हांेने इस अवसर पर कहा कि साहित्य अकादेमी को मैं अपने घर की तरह मानता हूँ और साहित्य अकादेमी के साथ स्पेन के सांस्कृतिक आदान-प्रदान के निरंतर कार्यक्रम होने से पिछले 30 वर्षों में स्पेनिश और भारतीय भाषाओं के बीच अनुवाद के लिए अंग्रेजी की आवश्यकता बहुत अधिक नहीं रह गई है और इस कारण अब बहुत से सीधे अनुवादक तैयार हो रहे हैं।
भारत आए प्रतिनिधि मंडल के सदस्य इस प्रकार थे – डेनिस इस्तानिया, मिकियाज संचेज, जुआन कार्लोस मेस्त्रे, पेरे इरासत्रेसा तथा एडवर्ड एस्कोफेट। समारोह में डोमोनिक रिपब्लिक के राजदूत महामहिम श्री डेविड पुइग भी उपस्थित थे। भारत पधारे इन लेखकों ने स्पानी भाषा में अपनी कविताओं का पाठ किया जिनके अंग्रेजी अनुवाद शुभ्र बंद्योपाध्याय द्वारा प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख भारतीय लेखक थे – मधुकर उपाध्याय (हिंदी), विभा मौर्य (हिंदी), हुमरा कुरैशी (उर्दू), रख़शंदा ज़लील (उर्दू), अमरेंद्र खटुआ (अंग्रेजी), गौरीशंकर रैणा (कश्मीरी), सुजाता चौधरी (ओड़िआ), मुकुल कुमार (अंग्रेजी), मोहन हिमथाणी (सिंधी), वनिता (पंजाबी), अभय के. (अंग्रेजी) तथा रिंकल शर्मा (हिंदी) आदि।